युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क
वर्षों तक नेताओं और उनके शासन को याद रखें इसके लिए क्या किया जाना चाहिए? चार अच्छे काम किए जाने चाहिए। चार लोगों की सेवा करनी चाहिए और जनता के लिए कल्याणकारी काम करते हुए शासन चलाना चाहिए।
अगर जनता नेताओं के यादों से ही हमेशा घिरे रहें उसके लिए क्या करना चाहिए? शहर शहर, गांव गांव नेताओं के पोस्टर, बैनर और होर्डिंग्स लगाकर धूम मचाना चाहिए। शहर भर पार्टी के रंगों को पोतकर भारी मेले का एहसास कराते रहना चाहिए। यह तो अब भी हो रहा है और क्या-क्या किया जाना चाहिए?
प्रचार की कोई सीमा थोड़े ही है। हम कहीं तक भी जा सकते हैं। नेता, पार्टियों और योजनाओं के नाम पर गोदना वही टैटूज गुदवाना चाहिए। जिस किसी का चेहरा भी देखोगे तो नेता ही नेता दिखाई देंगे। पति अगर पत्नी को देखें तो भी बीच में नेताओं के चित्र ही होंगे।
धरती पर से देखें तो चंद्रमा पर भी हमारे महान नेता अपने नाम खुदवा देंगे। दूसरे प्राणियों से मनुष्य को और मनुष्यों से नेताओं को अलग करना ही प्रचार का मुख्य उद्देश्य होता है। लेकिन इतने प्रचार का लालच क्यों? यह तो सबको मालूम है कि करने से ज्यादा कहते हुए घूमने वालों को ज्यादा प्रचार मिलता है यह पुराना ही सही लेकिन समय की परीक्षाओं से खरा उतरा हुआ खरी उतरी हुई बात है। कहा जाए तो अच्छे काम के लिए किए गए खर्चे से ज्यादा उसके प्रचार प्रसार के लिए करने वाला खर्चा कुछ ज्यादा ही होता है।
खुद पर विश्वास न हो तभी प्रचार का प्रचार पर विश्वास किया जाता है, ऐसा कहते हैं। तो फिर किए गए काम चार लोगों को बताएं और करने वाले काम चालीस लोगों को बताएं, जिन कामों को नहीं किया गया है उसे चारों दिशाओं में प्रचार करना चाहिए ऐसा नेताओं का सिद्धांत है। कम ही जनता की सेवा क्यों न करें उसे सारे लोगों को बता कर ही उसका फायदा उठाया जा सकता है। अगर हर काम जनता को पता हो, यही नेताओं का उद्देश्य है तो सुबह से शाम तक जो भी काम करते हैं जनता के लिए ही है तो बहुत सारी बातें हैं वह सारे काम छुप-छुपकर क्यों किए जाते हैं?
चिकन खा रहे हैं इसका यह मतलब नहीं कि गले में उसकी हड्डियां डाले फिरें। इसलिए कुछ चीजें छुपाई जाती हैं जैसे वयस्कों के लिए जो फिल्में होती हैं उन्हें बच्चों से छुपाया जाता है। इसी तरह राजनेताओं के जीवन चित्रों में सामान्य जन न देखें ऐसे चित्र बहुत सारे होते हैं, इसलिए ऐसे सारे काम सुरक्षित रूप से कर लेते हैं। वह भी जनता के लिए और समाज के अच्छे के लिए ही है, ऐसा सोचा जाना चाहिए। इसके अलावा में नेताओं का कोई दुरुद्देश्य नहीं होता।
किसी भी काम में बिना फायदे के नेता कोई काम नहीं करते। घर के पिछवाड़े से आ रहे फायदों को बिना आवाज किए ले लेते हैं। जेब में आने वाले घोटालों के पैसे तो ऐसे गायब हो जाते हैं जैसे गधे के सिर से सींग। ऐसे घोटाले किसी को पता नहीं होने चाहिए। जनता के बीच बांटे जाने वाली छोटी बड़ी रेवड़ियों की योजनाएं वही स्कीम तो सारे लोगों को पता होना चाहिए। उसका गुणगान किया जाना चाहिए, क्योंकि वोट झड़ने चाहिए। ये सारी योजनाएं वोटों के शिकार के लिए उपयोग में लाने वाले चाल हैं। उन्हें बड़े पैमाने पर प्रचारित करें।
डॉ0 टी0 महादेव राव
विशाखपटनम (आंध्र प्रदेश)
9394290204