युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क
सनातन धर्म में मंगलवार का दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी को समर्पित होता है। इस दिन हनुमान जी की पूजा-उपासना की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत-उपवास रखा जाता है। ज्योतिष भी कुंडली में मंगल मजबूत करने हेतु मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करने की सलाह देते हैं। धार्मिक मान्यता है कि हनुमान जी की पूजा करने से जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख और संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही करियर और कारोबार को नया आयाम मिलता है। शास्त्रों में निहित है कि मंगलवार के दिन हनुमान जी के महज दर्शन से अशुभ ग्रहों का प्रभाव समाप्त हो जाता है। अतः बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रसिद्ध मंदिरों में हनुमान जी के दर्शन हेतु आते हैं। देश में कुल 3 प्रसिद्ध हनुमान मंदिर हैं। आइए, इन 3 हनुमान मंदिरों के बारे में जानते हैं-
महावीर हनुमान मंदिर
महावीर हनुमान मंदिर बिहार की राजधानी पटना में स्थित है। इतिहासकारों की मानें तो महावीर हनुमान मंदिर की स्थापना अठारहवीं शताब्दी में हुई थी। इस मंदिर में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी की दो प्रतिमाएं स्थापित हैं। महावीर हनुमान में स्थानीय लोगों की अगाध श्रद्धा है। इसके लिए हर मंगलवार और शनिवार के दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु हनुमान जी के दर्शन हेतु आते हैं। धार्मिक मत है कि महावीर हनुमान जी के दर्शन करने से साधक को मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।
मेहंदीपुर बालाजी
मेहंदीपुर बालाजी राजस्थान के सिकराय में स्थित है। हनुमान जी को कई नामों से जाना जाता है। इनमें एक नाम बालाजी है। इसके अलावा, हनुमान जी को बजरंगबली, बालाजी, मारुति नंदन, पवन पुत्र, अंजनी पुत्र, केसरी नंदन , संकट मोचन भी कहा जाता है। यह मंदिर हनुमान जी, प्रेतराज और भैरव महाराज जी का निवास स्थान है। इतिहासकारों की मानें तो तकरीबन एक हजार वर्ष पूर्व तीनों देव एक साथ इस स्थान पर प्रकट हुए थे। तत्कालीन समय से बालाजी (तीनों देवों) की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु बालाजी के दशन हेतु मेहंदीपुर आते हैं।
सालासर बालाजी
सालासर बालाजी राजस्थान के चूरू जिले में स्थित है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु देश-विदेश से बालाजी के दर्शन हेतु सालासर धाम आते हैं। यह दुनिया का एकलौता मंदिर है, जंहा बालाजी दाढ़ी और मूंछ में हैं। धार्मिक मान्यता है कि बालाजी के दर्शन करने से साधक की मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है। इसके अलावा, मंदिर में नारियल बांधने की भी परंपरा है। ऐसा कहा जाता है कि नारियल बांधने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।