आओ घी के दीए जलाएं

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क 

आओ घी के दीए जलाएं  आओ मिलकर दीए जलाएं ।।

अंधकार की रजनी को जलते दिए की रोशनी से 

घर के कोने कोने से   छत और बरामदे से 

             मुख्य द्वार के सामने से।।

 आओ घी के दीए जलाएं  आओ मिलकर दीए जलाएं ।।

 मन के तम को दूर कर   घर परिवार से मिलकर

 भाई बंधु एकजुट होकर  वृद्धजनों को साथ लेकर 

             आशीर्वाद के माचिस से ।।

आओ घी के दीए जलाएं. आओ मिलकर दीए जलाएं ।।

समाज के विषमता को. विकृति और अधीरता को 

भेदभाव के अंतर को  मन के सारे द्वेष को

        मिल बैठकर निपटारा करवाए ।।

आओ घी के दीए जलाएं  आओ मिलकर दीए जलाएं ।।

राजनीति के खाई कोनेता और जनता के लड़ाई को 

भारत के विकास की दुहाई को एक सशक्त कदम उठाए

        भ्रष्टाचार मिटा कर एक नया गीत गाए ।।

आओ घी के दीए जलाएं  आओ मिलकर दीए जलाएं ।।

 स्वर्णिम अवसर अब ला कर रोजी और रोजगार दिला कर

आपस में भाईचारा बढ़ाकर. एक नया इतिहास बनाएं।।

 आओ घी के दीए जलाएं  आओ मिलकर दीए जलाएं 

आओ घी के दीए जलाएं ।।3

कमलेश झा भागलपुर बिहार

9990891378