युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क
संस्कृत एक भाषा नहीं,
प्रगति और पहचान की भाषा है।
उन्नत खोज और प्रयोग संग,
उत्साहित मन में सुकून देने वाली,
संयुक्त रूप से अभिभूत ,
प्रेम भरी उड़ान भरने वाली अभिलाषा है।
इस भाषा का इतिहास पुराना है,
उत्कृष्ट साज सज्जा में,
नवीन जोश और उत्साह से,
भरपूर एक तराना है।
इसके अतीत में गहराई है,
सम्पन्नता और बेहतरी को,
यहां सदैव मिलता रहा है सत्कार,
आज़ भी वैश्विक स्तर पर,
इस भाषा को अंगीकार करने की,
दुनिया में दिल से दी,
हमेशा-हमेशा ही जाती दुहाई है।
यह एक वैज्ञानिक उपलब्धियों को पाने में,
कामयाब बनाने का सबसे सम्बल हथियार है।
खुशियां और आनन्द से लबालब,
यहां देती है भाषा सबको सदैव प्यार है।
प्रयोगात्मक परीक्षा में सफल हो,
यह भारतीय संस्कृति में,
एक नवीन सन्देश देती नज़र आती है,
खूबसूरत व बेहतरीन प्रतीक बनकर,
देश दुनिया में सम्मान बहुत पाती है।
डॉ ०अशोक,पटना, बिहार।