युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क
दर्शन का मार्ग,
अहसास और विश्वास,
श्रद्धा और समर्पण,
आत्मदर्शी दर्पण,
आत्माओं का विशुद्ध मिलन।
प्रेम क्या नही है।
प्रदर्शन नही,
मात्र भोग विलास नही,
स्वार्थ साध्य नही।
प्रेम में मिलता क्या है ।
आँसू,
तड़प,
विरह,
अनंत,अनकही पीड़ा।
गरिमा राकेश गौतम 'गर्विता'
कोटा,राजस्थान