युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क
यह विरासत है,
सदियों से चली आ रही रिवायत है,
भारतीयता को सम्मान,
हर काल में मिला है,
नजदिकियां सामने खड़ी-खड़ी,
आज़ तक दिख रहा है।
यहां ऐश्वर्य को सम्मान,
दिया जाता है।
मेहमानों को पूज्यनीय मानकर,
सदैव सत्कार किया जाता है।
यहां स्त्रियां पूज्यनीय हैं,
समग्र रूप में वंदनीय है।
यहां पौराणिक मान्यताएं,
सम्बल बुनियाद देती है,
खुशियां और सुकून देने वाली ताकत बनकर,
सदैव आगे खड़ी रहती है।
यहां खुशियों से भरपूर,
समृद्ध और विकसित इतिहास है।
सबकुछ बस आसपास है।
यहां गुरु को श्रेष्ठ भारत की ,
सबसे अद्भुत तस्वीर मानते हैं।
उमंग और उत्साह से,
वर्षों से चली आ रही रित मानते हैं।
यहां हर चीज पूज्यनीय हैं,
खुशियां और आनन्द से लबालब रहता है,
नहीं कभी रहा निन्दनीय है।
यह समृद्ध संस्कृति की पहचान है,
भारतीय संस्कृति की,
सुखद सन्देश पहुंचाने वाली,
आन बान और शान है।
डॉ ०अशोक, पटना, बिहार।