युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क
आज वृन्दा चुप अपने पति की बात सुन रही थी।आजतक मोहित ने कभी उसके कार्य क्षेत्र में दखल नहीं दिया,दोनों की रूचि भिन्न थी ।जहां वृन्दा राजनैतिक क्षेत्र में सक्रिय थी ,वहीं मोहित अपने रिसर्च पेपरों में । आपस में तकरार भी होती थी ,पर कभी इतना गुस्सा होते मोहित को नहीं देखा ।
आज उसके क्षेत्र में मन्त्री जी का कार्यक्रम लगा हुआ था। वह ह बढ़ चढ़ कर तैयारी में लगी थी । इतने लम्बे समय से राजनैतिक क्षेत्र में रहने के बाद भी वह कहीं विवादित नहीं थी । मधुर व्यवहार के कारण सब पंसद करते थे ।
मन्त्री जी आ चुके थे सब गर्मजोशी से स्वागत में लगे थे । वह भी मन्त्री जी के पास बैठी थी कि अचानक मन्त्री जी ने उसकी कमर में हाथ डालकर अपनी ओर खींच लिया वृन्दा बहुत घबड़ा गयी लगातार फोटो खिंच गये । वृन्दा मंच से नीचे आकर रोने लगी लोग फब्तिया कसने लगे । घर आकर वह चुपचाप कमरे में चली गयी ।
पता ना कब रात बीत गयी सुबह जैसे उसने अपने पति की चिल्लाने की आवाज सुनी वृन्दा उठी उसके पति के हाथों में समाचारपत्र था ।
वह पूछ रहा था क्या तुम ये सब करने के लिये राजनीति करती हो आजके बाद घर से बाहर नहीं जाओगी । तुमने मेरी इज्जत उतार कर रख दी वह सोच रही थी इसमे मेरा क्या कसूर है। क्या हर क्षेत्र में पुरुष का ही दबदबा रहेगा । नेता जी की घिनौनी हरकत के कारण संगठन की बहु आलोचना हो रही थी।
डॉ. मधु आंधीवाल
अलीगढ़
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