युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क
1954 को मद्रास में जन्मीं रेखा (मूल नाम भानुरेखा गणेशन) को अभिनय की कला विरासत में मिली।रेखा के पिता जैमिनी गणेशन अभिनेता और मां पुष्पावली जानी-मानी फिल्म अभिनेत्री थीं। घर में फिल्मी माहौल से रेखा का रूझान फिल्मों की ओर हो गया और वह भी अभिनेत्री बनने के ख्वाब देखने लगीं। रेखा ने अपने करियर की शुरूआत बाल कलाकार के रुप में वर्ष 1966 में प्रदर्शित तेलुगु फिल्म रंगुला रतनम से की। रेखा ने अभिनेत्री के रूप में अपने करियर की शुरूआत कन्नड़ फिल्म गोदाली सी.आई.डी 999 से की।
फिल्म में उनके नायक की भूमिका सुपरस्टार डा.राजकुमार ने निभाई थी।हिंदी फिल्मों में रेखा ने अनजाना फिल्म से अपने अभिनय की शुरूआत की। अरसे बाद यह फिल्म दो शिकारी के नाम से प्रदर्शित हुई। फिल्म टिकट खिड़की पर असफल साबित हुई। बतौर अभिनेत्री के रुप में उनके सिने करियर की शुरूआत 1970 में प्रदर्शित फिल्म सावन भादो से हुई।
फिल्म में उनके नायक की भूमिका नवीन निश्चल ने निभायी। वर्ष 1976 में प्रदर्शित फिल्म दो अनजाने उनके करियर की महत्वपूर्ण फिल्म साबित हुयी। सही मायनों में अभिनेत्री के रूप में उनकी यह पहली फिल्म थी। इस फिल्म में पहली बार उन्हें अमिताभ बच्चन के साथ काम करने का मौका मिला। वर्ष 1978 में प्रदर्शित फिल्म घर रेखा के सिने करियर के लिये अहम फिल्म साबित हुई।
इस फिल्म में दमदार अभिनय के लिये वह पहली बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्मफेयर पुरस्कार के लिये नामांकित की गयी। वर्ष 1980 में प्रदर्शित फिल्म खूबसूरत रेखा की एक और सुपरहिट फिल्म रही। इस फिल्म में दमदार अभिनय के लिये वह फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित की गयी।वर्ष 1981 में रेखा की एक और महत्वपूर्ण फिल्म उमराव जान प्रदर्शित हुई।
मिर्जा हादी रूसवा के मशहूर उर्दू उपन्यास उमराव जान पर आधारित इस फिल्म में उन्होंने उमराव जान का किरदार निभाया। इस किरदार को रेखा ने इतनी संजीदगी से निभाया कि सिने दर्शक आज भी उसे भूल नहीं पाये हैं। इस फिल्म के सदाबहार गीत आज भी दर्शकों और श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। वर्ष 1981 में प्रदर्शित फिल्म सिलसिला रेखा की उल्लेखनीय फिल्मों में शामिल की जाती है।
माना जाता है कि यश चोपड़ा के निर्देशन में बनी इस फिल्म में अमिताभ बच्चन और रेखा के बीच रिश्ते को रूपहले पर्दे पर पेश किया गया। हालांकि फिल्म टिकट खिड़की पर अधिक कामयाब नहीं रही लेकिन दर्शकों का मानना है कि यह उनकी उत्कृष्ट फिल्मों में एक है।
वर्ष 1988 में प्रदर्शित फिल्म खून भरी मांग रेखा की सुपरहिट फिल्मों में शुमार की जाती है। राकेश रोशन के निर्देशन में बनी इस फिल्म में दमदार अभिनय के लिये रेखा सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित की गयीं। 90 के दशक में रेखा ने फिल्मों में काम करना काफी हद तक कम कर दिया।
वर्ष 1996 में प्रदर्शित फिल्म श्खिलाड़ियों का खिलाड़ी में उन्होंने गैंगस्टर माया का किरदार निभाकर दर्शकों की वाहवाही लूटी। फिल्म में दमदार अभिनय के लिये वह सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित की गयी।
रेखा ने कई फिल्मों में अपने बिंदास अभिनय से दर्शकों को रोमांचित किया है। इन फिल्मों में उत्सव, कामसूत्र और आस्था जैसी कई फिल्में शामिल हैं। 1970 के दशक की सर्वाधिक चर्चित और सफल फिल्मी जोड़ियों में अमिताभ बच्चन और रेखा का नाम आता है। वर्ष 2010 में रेखा को पद्मश्री से अलंकृत किया गया। रेखा ने अपने चार दशक लंबे सिने करियर में लगभग 175 फिल्मों में अभिनय किया है।