सेवक मन

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क 

निद्रा आलस्य विलगना।

संघर्षों में पथ रचना।

दुर्भावों की जड़ हिलती-

कर्मों को जागृत रखना।

आवेशी दुर्मद न  पले।

कर्मों से बे-रुख न भले।

सेवा निःस्वार्थ अटल हो-

गीता प्रज्ञा स्थित सु-फले।

मीरा भारती,

पटना बिहार