हम ढूँढने,को खुशियाँ
फिरते रहते,इधर-उधर
हम चाहते हैं, मिल जाएंगे
कुछ हमको, सुनहरे पल l
इसके ही इंतजार में
हम इस पल की, खुशी हैं खो देते
जो मिलती है ,बड़ी मुश्किल से
हम उसकी कदर ना पाते l
कुछ पता नहीं है जीवन का
ये पल में ख़ाक हो सकता है
जो आज प्यारे, तुझे को मिला
वो पल भर में खो सकता है l
इसलिए जो आज का पल है
हाथ तेरे, उसको तो तुम मत खोना
यही सुनहरे पल जीवन के
इनको मस्ती से जी लेना l
करमजीत कौर, शहर- मलोट
जिला- श्री मुक्तसर साहिब, पंजाब