Vastu Tips: घर में लगाएं भगवान विष्णु का ये प्रिय पौधा, पूरी होंगी सभी मनोकामनाएं

 युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क

वास्तु शास्त्र में जिस तरह घर में रखे सामान और दिशाओं के बारे में विस्तार से वर्णन किया गया है, ठीक उसी प्रकार पेड़ पौधों के महत्व के बारे में भी बताया गया है। वास्तु में कई ऐसे पेड़-पौधे बताए गए हैं, जो घर में खुशियां और सकारात्मक ऊर्जा लेकर आते हैं। इन पौधों का हमारे जीवन पर गहरा असर होता है। इन्हीं पौधों में से एक है अपराजिता। अपराजिता की बेल को कृष्णकांता या विष्णुकांता भी कहा जाता है। इसके फूल सफेद और नीले रंग के होते हैं। धार्मिक मान्यता है कि नीली अपराजिता भगवान विष्णु को बेहद प्रिय है। वास्तु शास्त्र में कृष्णकांता की बेल को 'धन बेल' भी कहा जाता है। वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कृष्णकांता की बेल जैसे-जैसे बढ़ती है उसी तरह घर में खुशहाली और संपन्नता बढ़ती है। ऐसे में आइए जानते हैं नीली अपराजिता के फायदे क्या हैं और इसे किस दिशा में लगाना उत्तम होता है...

नीली अपराजिता लगाने के फायदे

नकारात्मक ऊर्जा होती है खत्म 

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में नीली अपराजिता लगाने से घर नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।  

धन की देवी लक्ष्मी होती हैं आकर्षित

धार्मिक मान्यता है कि विष्णुप्रिया होने की वजह से कृष्णकांता यानी नीली अपराजिता की बेल धनलक्ष्मी को भी आकर्षित करती है। जिस घर में ये पौधा लगा होता है वहां खुद मां लक्ष्मी निवास करती हैं और धनवान बनने के लिए की गई मेहनत कामयाब होती है।

बुद्धि होती है कुशाग्र 

घर में नीली अपराजिता की बेल लगाने से परिवार के सदस्यों की बुद्धि कुशाग्र होती है। साथ ही ये भी कहा जाता है कि इसका फूल भगवान विष्णु को चढ़ाया जाए तो परिवार की कभी भी पराजय नहीं होती।

शनि दोष मिटाते हैं नीली अपराजिता के फूल

मान्यता है कि कृष्णकांता यानी नीली अपराजिता की बेल के सुंदर नीले फूल शनिदेव को अर्पित करने से शनि की साढ़ेसाती या महादशा से मिल रहे कष्टों से भी राहत मिल जाती है।

किस दिशा में लगाएं नीली अपराजिता की बेल?

वास्तु के अनुसार, नीली अपराजिता की बेल को घर में उत्तर दिशा में लगाना चाहिए। इससे ये शुभ परिणाम देती है और घर में खुशहाली बनी रहती है। इस बात का ध्यान रखें कि इस बेल को कभी भी पश्चिम या दक्षिण दिशा में नहीं लगाना चाहिए।